रिटायर्ड ऑफिसर्स ने खोला AREA 51 का राज।
आपने एरिया 51 का नाम तो जरूर सुना होगा। यह दुनिया की एकलौती ऐसी जगह है जिसकी सच्चाई आजतक कोई नहीं जान पाया। एरिया 51 को लेकर लोगो के मन में बहुत तरह की बातें आती रहती है। यह एक ऐसा रहस्य है जिसको लेकर सोशल मीडिया पर हमेशा बहस होती रहती है। कई लोगों का मानना है कि एरिया 51 में UFO और एलियन्स का अस्तित्व है। दुनिया के बड़े बड़े वैज्ञानिक अथवा तर्कशास्त्री एरिया 51 से जुड़े UFO (UNIDENTIFIED FLYING OBJECT ) और अमेरिका के सीक्रेट एजेंट्स की बात करते रहते हैं तो कई वैज्ञानिक इससे इनकार भी करते हैं। लेकिन कुछ रिटायर्ड ऑफिसर्स के इंटरव्यूज देखने के बाद एरिया 51और एलियंस के अस्तित्व पर यकीन होने लगता है।
AREA 51 क्या है ?
एरिया 51, सामान्य तौर पे हम इसे इसी नाम से बुलाते है लेकिन ये इसका ऑफिसियल नाम नहीं है। इसका ऑफिसियल नाम है ( NEVADA TEST AND TRAINING RANGE ) . ये USA के नेवाडा में स्थित है। वर्ल्ड वॉर 2 में एरिया 1 , एरिया 2 , एरिया 3 ऐसे कई एरियाज में नुक्लीअर बम की टेस्टिंग कि जाती थी। एरिया 51भी इन्ही में से एक टेस्टिंग साइट ही थी। 2 जुलाई 1947 न्यू मेक्सिको के रोसवेल में एक UFO दुर्घटना ग्रस्त होता है कहा जाता है कि एक उड़ती हुई गोल तस्तरी जमीन पर आ गिरी थी। जिसमे एलियंस भी मौजूद थे। इस UFOके दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद ये ख़बर दुनिया भर में आग की तरह फ़ैल गयी। जैसे जैसे इस खबर ने तुक पकड़नाशुरू किया अमेरिका ने एरिया 51 को रेस्ट्रीक्टेड ज़ोन घोसित कर दिया। जमीन के अंदर अंडरग्राउंड सेंसर्सलगा दिए गए। यहाँ तक कि किसी इंसान के इस एरिये में घुसते ही गोली मारने का आदेश दे दिया गया।इसलिए अंदर की गतिविधियों पर आजतक किसी को भनक तक नहीं लगी और ये जगह कई रहस्यों से भर गया। हालाँकि बिच बिच में कई लोगों ने दावा किया कि वो एरिया 51 में काम कर चुके हैं। और उनका ये भी दावा है कि वहा एलियंस और उनके क्रैश UFO पर रिसर्च कि जा रही है।
दावा करने वालो में से एक नाम था बॉयड बुशमैन जो कि एरिया 51 के फॉर्मर सीनियर साइंटिस्ट थे। 7 अगस्त 2014 को उनकी मृत्यू हो गयी। मरने से कुछ ही दीन पहले उन्होंने एक इंटरव्यू दिया था जिसमे उन्होंने एरिया 51 में अपने काम के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि एरिया 51 और एलियंस दोनों का वजूद है। एरिया 51 में18 एलियंस इंसानों के साथ मिलकर रिसर्च पर काम करते हैं। और उनमे से कुछ की उम्र 200 साल से भीज्यादा है। उन्होंने एलियंस और उनके स्पेसक्राफ्ट की तस्वीरें भी साझा की। बुशमैन के हिसाब से एलियंस कुटोनिओन नामक ग्रह से आये हैं जो पृथ्वी से 39 प्रकाश वर्ष दूर है। इसका मतलब है कि इंसान को वहा पहुंचने में लगभग 39000 वर्ष लग जाएंगे। लेकिन बुशमैन में मुताबिक एलियंस इस दुरी को अपने यान से महज़ 45 मिनट में तय कर लेते हैं। एलियंस बात करने के लिए टेलीपैथी का प्रयोग करते है। इसका मतलब
यह है कि आपके बिना कुछ बोले वो आपके मन की बात जान सकते है। यदि आपके मन में कोई सवाल है तोअगले ही पल उस सवाल का जवाब खुद अपने ही शब्दो में देता हुआ पाएंगे।
दावा करने वालों में दूसरा नाम आता है बॉब लेज़ार का जिनका कहना है कि वो एरिया 51 के S4 नाम के एक डिपार्टमेंट में काम करते थे। उनका ये कहना था कि उस डिपार्टमेंट में एलियंस के विमानों की जाँच होती थी तथा उनके बारे में अध्ययन किया जाता था कि वो कैसे उड़ते हैं। उन्होंने ये भी कहा था कि एरिया 51 की टीम UFO और ALIENS को पकड़ कर उनपर प्रयोग करती थी। एलियंस बिना इंधन के कैसे अपने विमानों को हवा में उड़ा देते थे वो टीम उसकी जाँच करती थी। उन्होंने 1989 में ये खोज किया था कि एलियंस एयरक्राफ्ट कैसे काम करते है ? उन्होंने उसपर कई महीनों तक रिसर्च किया। उनके हिसाब से एलियंस के विमान मेंएक ऐसा धातु होता है जिसका एटॉमिक वेट है 115 जो कि 1989 में अज्ञात था। ये एक ऐसा धातु है जो की एंटी ग्रेविटी इफ़ेक्ट उत्पन्न करता है। यही कारण है कि एलियन स्पेसक्राफ्ट बिना इंधन के उड़ सकते है। वर्ष 2003 में धातु 115 अथवा ( UNUNPENTIUM ) की खोज की गयी जो की एक सामान्य धातु के रूप में दुनिया के सामने आया। लेकिन बॉब लेज़ार ने इस धातु के बारे में 14 वर्ष पहले अथवा 1989 में ही बता दिया था। इनके हिसाब से एलियंस पृथ्वी पर हजारों वर्षो से भ्रमड़ करते रहते हैं और आगे भी करते रहेंगे। बॉब लेज़ार का ये भी कहना है कि उन्होंने उस एलियन विमान की जाँच अपने हाथों से की थी।
इन तमाम सबूतों के बाद एलियंस के अस्तित्व को नकारना लगभग नामुमक़ीन है। पर आधिकारिक रूप से इन सभी तथ्यों को झुठला दिया गया। सच्चाई चाहे जो भी हो पर समय के साथ सामने आ ही जाएगी। इस सुपरपावर रहस्य को लेकर लोगो की हैरानी तब बढ़ी जब 1996 में अमेरिकी सरकार ने नेवादा के निर्जन हाईवे 375 का नाम बदलकर (EXTRATERRESTRIAL ) रख दिया। एरिया 51 को गोपनीयता इतनी बढ़ती गयी कि अमेरिकी सरकार के किसी नक्से तक में इसका जिक्र नहीं है। और आजतक इसका रहस्य बरकरार है।
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