रात में लाश को अकेला क्यों नहीं छोड़ा जाता है ?
दरअसल आपको पता होगा कि मरने के बाद जो क्रिया की जाती है उसे अंतिम संस्कार कहा जाता है लेकिन आपने यदि ध्यान दिया हो तो आपको पता होगा कि मरने के बाद अंतिम संस्कार रात को नहीं किया जाता है क्या आपने कभी सोचा है की ऐसा क्यों किया जाता है ? तो आज हम आपको बताते है कि जब किसी व्यक्ति की मृत्यु रात के समय होती है तो उसे श्मशान घाट नहीं ले जाया जाता है , ऐसे में उस लाश को श्मशान घाट ले जाने के बजाय पूरी रात उसे घर में रखकर ही उसकी रखवाली करनी होती है | ऐसा सोचने पर अजीब तो लगता है लेकिन अब आपको ये जानकर हैरानी होगी | दरअसल आपको बता दे की शास्त्रों के अनुसार यदि
दिन ढलने के बाद मृत्यु होती है तो उस शव को तुलसी के पौधे के पास रखा जाता है और उसे अकेला नहीं छोड़ा जाता है | ऐसा इसलिए करते है क्युकी उस मरे हुए व्यक्ति की आत्मा वही कही भटक रही होती है और आप सभी को देखती रहती है | माना जाता है कि मरने के बाद शरीर खाली हो जाता है | ऐसे में कोई बुरी आत्मा का साया उस शरीर पर अपना अधिकार जमा लेता है इसलिए उसके पास रात को कोई न कोई जरूर होता है | वैसे अगर शास्त्रों की माने तो सनातन धर्म में मनुष्य के लिए जन्म से लेकर मृत्यु तक सोलह संस्कार बताए गए हैं | कहते है कि जलाते वक़्त लाश के हाथ-पैर बांध दिए जाते हैं ऐसा करने के पीछे भी कारण होता है कि व्यक्ति के शरीर पर पिशाच कब्ज़ा न कर सके | इतना ही नहीं जलाने के पहले घर और रास्ते में पिंड दान करने से देवता - पिशाच खुस हो जाते हैं और लाश अग्नि में समा जाने के लिए पूरी तरीके से तैयार हो जाती है |
दुनिया के सभी सैनिक छोटे बाल क्यों रखते हैं ?
को पार कर लेते हैं | कई लम्बे बाल रखते है तो कई फटे कपडे भी पहन लेते हैं | लेकिन अपने अक्सर देखा होगा कि हमारे फौजी जवान हमेशा छोटे बाल ही रखते हैं | क्या आपको पता है कि वे ऐसा क्यों करते हैं? आइए जानते हैं इसके पीछे का कारण :-
इसका सबसे पहला कारण यह बताया जाता है कि सैनिकों का काम बंदूक चलाना है और जो सैनिक बंदूक चलाते हैं उनको धैर्य की जरूरत होती है अथवा छोटे बाल रखने से उन्हें बन्दूक चलाने में आसानी होती है | इसका दूसरा कारण यह भी बताया जाता है कि सैनिकों को युद्ध के दौरान नहाने को नही मिलता है | इस वजह से बालों को छोटा रखा जाता है ताकि किसी को भी संक्रमण न हो और इससे बचा जा सके व छोटे बाल जल्दी सूख सके | इसका तीसरा कारण है कि कई बार सैनिकों को नदी नाले पार करने पड़ते है यदि उनके बाल लम्बे हो तो जल्दी नही सूख पाते और सैनिकों को सर्दी - जुक़ाम के चपेट में भी आना पड़ सकता है | कई बार ऐसा भी देखा गया है कि बालों में कीड़े लग जाते हैं क्युकि बहुत समय तक सैनिकों को नहाने का मौका नही मिलता है| इसलिए बालों को छोटा रखा जाता है |
बीयर की बोतल हरे रंग की क्यों होती है ?

सफ़ेद बोतलें जैसे ही सूर्य के सामने आती हैं उसमे से एक अजीब सी गंध आने लगती है जो की केमिकल रिएक्शन का प्रभाव है | इसलिए सफ़ेद बोतल में बीयर आना बंद होगयी | और रंगीन बोतलें आने लगी क्युकि अधिकतर भूरा व हरा रंग सूर्य की किरणों का विरोध करते हैं | वह जल्दी उसके प्रभाव में नहीं आते | अतः धूप में रखने से इनमे गंध भी नहीं आती व इनका स्वाद भी नहीं बदलता | इसलिए बीयर को हरे व भूरे रंग की बोतलों में रखा जाने लगा |
रात में कुत्ते क्यों रोते हैं ?
अक्सर हमारी नानी या दादी कहती है कि इन कुत्तों को चूप कराओ | पर सच तो ये है कि कुत्ते कभी रोते
ही नहीं हैं | दरअसल इसे "हाउल " करना कहते हैं | यह उनके सन्देश पहुंचाने या अपनी बात करने की
तकनीक होती है | वैसे कुत्तों को भेडियो की प्रजाती माना जाता है और वह उसी की तरह व्यवहार करते है| भेड़िये भी संदेश पहुंचाने के लिए हाउल करते हैं | आपने देखा होगा कि हर गली और मोहल्ले में कुत्तों का इलाका होता है और वहाँ दूसरे कुत्तों का आना वर्जित होता है | ऐसे में अगर कोई दूसरे इलाके का कुत्ता आने की कोशिश करता है तो उस स्थान के कुत्ते गुर्रा कर या हाउल करके उसे चेतावनी देते हैं | और अपने दूसरे साथियों को आवाज़ देते हैं | कुत्ते चिढ़कर या गुस्से से भी हाउल करते हैं | इसका यह मतलब नही है कि वह आपको काटेंगे | दरसअल वह किसी चीज़ से इरिटेट होकर अपनी नाराज़गी जाहिर करने के लिए भी हाउल करते हैं | वो आपको अपनी बात समझाने के लिए भी हाउल करते हैं | कुत्ते अपने झुण्ड तक अपनी लोकेशन पहुचाने के लिए भी हाउल करते हैं |
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